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स्वप्न में पिता / गुलाम मोहम्मद शेख
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19:34, 18 अप्रैल 2011
[[Category: गुजराती भाषा]]
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पिताजी, कल आप फिर दिखाई दिए
वह बचपन यहीं कहीं
खटिया के नीचे झर गया है ।
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'''मूल गुजराती भाषा से अनुवाद : पारुल मशर'''
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Pratishtha
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