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नव वसंत खिला जब भाग्य सा,
 
नव वसंत खिला जब भाग्य सा,

15:52, 9 जुलाई 2007 का अवतरण

नव वसंत खिला जब भाग्य सा,

भुवन में तब जीवन आ गया,

गगन ने उस को अपनाव से,

अतुल गौरव से, अपना किया.