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काशी में महामारी / तुलसीदास/ पृष्ठ 7
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03:50, 10 मई 2011
(उत्तरकाण्ड समाप्त)
'''
(कुछ प्रतियों में 177 छंद ही मिलते हैं ।
काशी -नागरी -प्रचारिणी -सभा की प्रति में
183 छंद हैं । अतः 183 छंद रखे गये हैं।)
इति
(कवितावली समाप्त)
'''
'''इति
(कवितावली समाप्त)'''
</poem>
Dr. ashok shukla
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