Changes

Last 4 stanzas are not part of this prayer.
{{KKGlobal}}श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भव भय दारुणम् |
नवकंज नव कंज लोचन कंज मुखकर, मुख कर कंज पद कन्जारुणम कंजारुणम् ||
कंदर्प अगणित अमित छवी छवि नव नील नीरज सुन्दरम सुन्दरम् |
पट्पीत पट पीत मानहु तडित तड़ित रूचि शुचि नौमी नौमि जनक सुतावरम सुतावरम् ||
भजु भज दीन बंधू बन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम निकंदनम् |
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम नन्दनम् ||
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारू उदारु अंग विभुषणं विभूषणम् |
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर - धुषणं दूषणम् ||
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम रंजनम् |
मम ह्रदय कुंज हृदय कंज निवास कुरु कामादी कामादि खल दल गंजनम ||   मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों | करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो ||  एही भाँती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली | तुलसी भवानी पूजी पूनी पूनी मुदित मन मन्दिर चली ||  जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाए कहीं |मंजुल मंगल मूल बाम अंग फर्कन लगे गंजनम् ||
2
edits