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एक अच्छा देश / अविनाश

42 bytes added, 19:55, 20 मई 2011
|रचनाकार=अविनाश
|संग्रह=
}}{{KKAnthologyDeshBkthi}}{{KKCatKavita}}<Poem>एक दिल्ली जो हम सब अपने साथ गांव से लाये
खाली कमरे के कोने में पड़ी हांफ रही है
खुरदरे फर्श पर एक काला रेडियो बोल रहा है
एक अच्छे देश को और अच्छा बनाने की हसरत अभी बाक़ी है
अभी तो ये दलालों के जबड़े में है!</poem>