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04:21, 21 मई 2011 के समय का अवतरण
उसकी जड़ कहीं नहीं है
न धरती में, न पानी में
फ़िर भी
पल-फ़ल-फ़ूल रहा है
और बांट रहा है सबको
हवा-प्रकाश और पानी
यह जानते हुए भी कि
उसकी हवा में
किसी और की हवा है
उसके प्रकाश में
किसी और का प्रकाश
उसके पानी में
किसी और का पानी
शहर का वट वृक्ष है वह...