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{{KKRachna
|रचनाकार=उमेश चौहान }}{{KKPustak|चित्र=|नाम= जिन्हें डर नहीं लगता|रचनाकार=[[उमेश चौहान]]|प्रकाशक= शिल्पायन, नई दिल्ली |वर्ष= 2009|भाषा=हिन्दी|विषय=कविता|शैली=--|पृष्ठ= |ISBN=--978-81-89918-38-5|विविध=--
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{{KKCatKavita‎}}<poem>जिन्हें तैरना नहीं आताउन्हीं * [[ नई नस्ल के लिए ही डालनी पड़ती हैंकबूतर / उमेश चौहान]] नदी में नावें और* [[ जाग्रत से अधिक चेतन / उमेश चौहान]]बनाने पड़ते हैं उन पर पुल* [[ बकरे / उमेश चौहान]]ताकि पार कर सकें वे नदी को* [[ चिड़िया हार नहीं मानती /उमेश चौहान]]बिना डूब जाने के भय के,* [[ कूड़ेदान / उमेश चौहान]]* [[ जिन्हें डर नहीं लगता.. / उमेश चौहान]]बूढ़े और अशक्त हों तोअलग होती * [[ बिटिया बड़ी हो रही है बात/ उमेश चौहान]]किन्तु सक्षम * [[ शीला होते हुए भीभयाक्रांत है / उमेश चौहान]]जो नहीं सीखते तैरना* [[ अनपढ़ / उमेश चौहान]]या तैरना जानते हुए भी* [[ चींटियाँ / उमेश चौहान]]तैयार * [[ सहयात्री / उमेश चौहान]]* [[ क्यों नहीं होते जोहोता / उमेश चौहान]]पानी * [[ पत्थर / उमेश चौहान]] * [[ बिस्तर में धँसने को,साँप / उमेश चौहान]]उनके लिए हम प्रायः पीठ झुका कर* [[ आगिया बैताल / उमेश चौहान]]क्यों तैयार हो जाते हैं* [[ सुरक्षित भविष्य की बस्ती /उमेश चौहान]]नाव या पुल बनने के लिए?  जिन्हें डर * [[ हद अभी पार नहीं लगता/ उमेश चौहान]]उन्हें,* [[ विकल्प की तलाश / उमेश चौहान]]तैरना सहज आ जाता है* [[करमजीते चक दे / उमेश चौहान]]हिम्मत * [[ दिल्ली के साथआसमान की धूल / उमेश चौहान]]पानी में कूद जाने पर* [[ शब्दों का प्रतिदेय / उमेश चौहान]]किन्तु कभी नहीं सीखा जा सकता तैरना* [[ ख़तरे की घंटी / उमेश चौहान]]केवल किताबें पढ़-पढ़ कर* [[ कहीं ऐसा न हो / उमेश चौहान]]अथवा चिन्तन-मनन करके । * [[ मेरे भीतर एक नदी / उमेश चौहान]]* [[ पुतले ही तय करेंगे / उमेश चौहान]]बाढ़ की विभीषिका में* [[ जंगल के राज चुने नहीं जाते / उमेश चौहान]] जब पलट जाती हैं नावें* [[ कोयला / उमेश चौहान]]बह जाते हैं पुल* [[ केरल की विरासत / उमेश चौहान]]तब भी बचे रहते हैं* [[ मेरे भीतर का सुप्त प्रहरी /उमेश चौहान]]नदी * [[ टूटी कमर / उमेश चौहान]]* [[ गाँव की लहरों नदी मेंमछली / उमेश चौहान]]वे लोग जीवित* [[ चाहता हूँ मैं / उमेश चौहान]]जिन्हें तैरना आता है,* [[ अन्तर्द्वन्द्व / उमेश चौहान]]* [[ मोक्ष / उमेश चौहान]]ऐसे लोगों को* [[ हँसो कैमूर / उमेश चौहान]]नदी की लहरों से* [[ बहो बनास / उमेश चौहान]]डर * [[ भँवर सेन का संगम / उमेश चौहान]] * [[ भला नहीं लगता/ उमेश चौहान]]वे हमेशा तत्पर रहते हैं* [[ चाँद का न होना / उमेश चौहान]]स्वीकारने को* [[ प्रेम के शिला लेख /उमेश चौहान]]लहरों * [[ साँसों की डोर / उमेश चौहान]]* [[ जूते का हर एक निमंत्रण् । असर / उमेश चौहान]]* [[ गठबंधन / उमेश चौहान]]लहरों के निमंत्रण को ठुकराकर* [[ जय हो / उमेश चौहान]]तीर पर ठिठुककर तो* [[ लोकतंत्र की नई पौध / उमेश चौहान]]वही रुके रहते हैं* [[ बौनों ने आकाश छुआ है / उमेश चौहान]]जिन्हें तैरना नहीं आता ।* [[ कब तक / उमेश चौहान]]<* [[ कविताई वाया एस.एम.एस /poem>उमेश चौहान]]
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