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"प्यार हमने किया, उनपे अहसान क्या / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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− | |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
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− | |संग्रह=कुछ और गुलाब / गुलाब खंडेलवाल
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− | [[category: ग़ज़ल]]
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− | प्यार हमने किया, उनपे एहसान क्या, प्यार कहकर बताना नहीं चाहिए
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− | रागिनी एक दिल में है जो गूँजती, उसको होठों पे लाना नहीं चाहिए
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− | यों तो मंज़िल नहीं इस सफ़र में कोई, फिर भी मंज़िल का धोखा तो होता ही है
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− | कहनेवाले भले ही ये कहते रहें, हमको धोखे में आना नहीं चाहिए
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− | हम खड़े तो रहे प्यार की राह में, देखकर भी न देखें जो वे, क्या करें!
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− | सर दिया काटकर भी तो बोले यही--'खेल है यह पुराना, नहीं चाहिए'
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− | कौन जाने कि अगले क़दम पर तुझे, उनके आँचल की ठंडी हवा भी मिले!
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− | ठेस गहरी लगी आज दिल में, मगर हार कर बैठ जाना नहीं चाहिए
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− | ज़िन्दगी के थपेडों से मुरझा गए, हम भी थे उनकी नज़रों के क़ाबिल कभी
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− | बाग़ में कह रहा था गुलाब एक यों, 'हमको ऐसे भुलाना नहीं चाहिए
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02:19, 2 जुलाई 2011 के समय का अवतरण