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|रचनाकार=अंजना बख्शी
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'''अंजना बख्शी'''
समकालीन हिन्दी कविता में एक उभरता हुआ नाम।
जन्म : 5 जुलाई 1974 को दमोह, मध्य प्रदेश में।
शिक्षा : हिन्दी अनुवाद विषय मेम एम०फ़िल० तथा एम० सी०जे० यानी जनसंचार एवं पत्रकारिता में एम० ए०।
देश की छोटी-बड़ी अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित।
नेपाली, तेलेगू, उर्दू, उड़िया और पंजाबी में कविताओं के अनुवाद।
’गुलाबी रंगोंवाली वो देह’ पहला कविता-संग्रह वर्ष 2008 में प्रकाशित।
संपर्क : 207, साबरमती हॉस्टल, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली–110067
दूरभाष : 09868615422
ईमेल : anjanajnu5@yahoo.co.in
पुरस्कार : ‘कादम्बिनी युवा कविता’ पुरस्कार 2006, डॉ. अम्बेडकर फैलोशिप सम्मान, युवा प्रतिभा सम्मान 2004 इत्यादि से सम्मानित अंजना ने ग्रामीण अंचल पर मीडिया का प्रभाव, हिंदी नवजागरण में अनुवाद की भूमिका, अंतरभाषीय संवाद, संपादन की समस्याएं, पंजाबी साहित्य एवं विभाजन की त्रासदी आदि विषयों पर छोटे-छोटे शोधकार्य भी किये हैं। कविता, कहनी, आलेख, लघुकथा, साक्षात्कार, समीक्षा एवं फीचर-लेखन आदि लेखन-विधाओं में बराबर हस्तक्षेप रखनेवालीं अंजना अभिनय भी करती हैं। नुक्कड़-नाटकों, मेलों, उत्सवों, कार्यशालाओं के माध्यम से लोगों को जगाती भी हैं। देश भर के आकाशवाणी केन्द्रों से इनकी रचनाओं का प्रसारण हुआ है। अनुवाद भी करती हैं (पंजाबी से कुछ चुनी हुई रचनाओं का हिन्दी में अनुवाद, अंग्रेजी से हिन्दी में कुछ आलेखों का अनुवाद, डॉ॰ आर॰ डी॰ एस॰ मेहताब के पंजाबी उपन्यास 'वे वसाए' का हिन्दी अनुवाद)। 'समकालीन अभिव्यक्ति', नई दिल्ली में संपादन सहयोग के साथ-साथ 'मसि-कागद' के 'युवा विशेषांक' (जनवरी 2005) का अतिथि संपादन भी किया।