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कोई साथी भी नहीं, कोई सहारा भी नहीं / गुलाब खंडेलवाल
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20:18, 6 जुलाई 2011
उनको जीवन की तबाही में पुकारा भी नहीं
तेज
तेज़
लहरों के झकोरों में बहे जाते हैं हम
हाथ में आपके आँचल का किनारा भी नहीं
Vibhajhalani
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