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फिर किसी प्यार की पुकार है आज / गुलाब खंडेलवाल
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18:34, 8 जुलाई 2011
मौत! बस इंतज़ार था तेरा
अब
किसी का
किसीका
न इंतज़ार है आज
नींद मेरी थी प्यार का बचपन
मैं जगा तो जवान प्यार है आज
कब उन आँखों से
हैं
झडे
झड़े
मोती
जब ये आँचल ही तार-तार है आज
Vibhajhalani
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