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अंधकार ने मुँह फैलाया | अंधकार ने मुँह फैलाया | ||
सूनापन डँसने को आया | सूनापन डँसने को आया | ||
नहीं समझ पाया था कुछ भी वह कि काल ने आकर लूटा | नहीं समझ पाया था कुछ भी वह कि काल ने आकर लूटा | ||
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व्योम-पटी पर वह अभिमानी | व्योम-पटी पर वह अभिमानी | ||
लिख करुणा की अमर कहानी | लिख करुणा की अमर कहानी | ||
एक और चल दिया क्षितिज में जैसे भाग्य किसी का रूठा | एक और चल दिया क्षितिज में जैसे भाग्य किसी का रूठा | ||
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फूलों ने आँसू बरसाए | फूलों ने आँसू बरसाए | ||
विरह-गीत कोयल ने गाये | विरह-गीत कोयल ने गाये | ||
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दूर गगन में तारा टूटा | दूर गगन में तारा टूटा | ||
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02:15, 17 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
दूर गगन में तारा टूटा
अंधकार ने मुँह फैलाया
सूनापन डँसने को आया
नहीं समझ पाया था कुछ भी वह कि काल ने आकर लूटा
व्योम-पटी पर वह अभिमानी
लिख करुणा की अमर कहानी
एक और चल दिया क्षितिज में जैसे भाग्य किसी का रूठा
फूलों ने आँसू बरसाए
विरह-गीत कोयल ने गाये
दुखिया रजनी के अंतर से नीरव दुखोच्छ्वास-सा छूटा
दूर गगन में तारा टूटा