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सकुचता, सिहरता, सहमता, लजाता | सकुचता, सिहरता, सहमता, लजाता | ||
− | + | ख़ुद अपनी ही आँखों से आँखें चुराता | |
उतर चाँद ज्यों झील में झिलमिलाता | उतर चाँद ज्यों झील में झिलमिलाता | ||
− | + | नज़र आ रहा है सवेरे-सवेरे | |
ये आँखों की अनबूझ, अनमोल भाषा | ये आँखों की अनबूझ, अनमोल भाषा | ||
पलटकर ये फिर लौटने का दिलासा | पलटकर ये फिर लौटने का दिलासा | ||
ये बिंदी मिटी-सी, ये काजल पुँछा-सा | ये बिंदी मिटी-सी, ये काजल पुँछा-सा | ||
− | + | ग़ज़ब ढा रहा है सवेरे-सवेरे | |
− | + | नज़र अब भी सपनों में खोयी हुई है | |
हँसी ज्यों शहद में डुबोई हुई है | हँसी ज्यों शहद में डुबोई हुई है | ||
− | कोई तान | + | कोई तान होँठों पे सोयी हुई है |
जिसे गा रहा है सवेरे-सवेरे | जिसे गा रहा है सवेरे-सवेरे | ||
कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे | कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे | ||
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03:53, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे
सकुचता, सिहरता, सहमता, लजाता
ख़ुद अपनी ही आँखों से आँखें चुराता
उतर चाँद ज्यों झील में झिलमिलाता
नज़र आ रहा है सवेरे-सवेरे
ये आँखों की अनबूझ, अनमोल भाषा
पलटकर ये फिर लौटने का दिलासा
ये बिंदी मिटी-सी, ये काजल पुँछा-सा
ग़ज़ब ढा रहा है सवेरे-सवेरे
नज़र अब भी सपनों में खोयी हुई है
हँसी ज्यों शहद में डुबोई हुई है
कोई तान होँठों पे सोयी हुई है
जिसे गा रहा है सवेरे-सवेरे
कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे