भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चिर्मी / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: चिरमी रा, चिरमी रा, चिरमी रा डाणा चार वारि जाऊं चिरमी ने....... चढ़ती न…) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
चिरमी रा, | चिरमी रा, | ||
चिरमी रा, | चिरमी रा, | ||
+ | |||
चिरमी रा डाणा चार | चिरमी रा डाणा चार | ||
+ | |||
वारि जाऊं चिरमी ने....... | वारि जाऊं चिरमी ने....... | ||
+ | |||
+ | |||
चढ़ती ने दीखे मेड्तो | चढ़ती ने दीखे मेड्तो | ||
+ | |||
उतरती ने दीखे अजमेर | उतरती ने दीखे अजमेर | ||
+ | |||
वारि जाऊं चिरमी ने..... | वारि जाऊं चिरमी ने..... | ||
+ | |||
+ | |||
चढ़ती रो चमक्यो चुडलो सा | चढ़ती रो चमक्यो चुडलो सा | ||
+ | |||
उतरती ने चमक्यो नोसर हार | उतरती ने चमक्यो नोसर हार | ||
+ | |||
वारि जाऊं चिरमी ने .......... | वारि जाऊं चिरमी ने .......... | ||
+ | |||
चिरमी बाबोसा री लाडली सा | चिरमी बाबोसा री लाडली सा | ||
+ | |||
चिरमी बाबोसा री लाडली सा | चिरमी बाबोसा री लाडली सा | ||
+ | |||
या तो दौड़ी दौड़ी पीहर जाए | या तो दौड़ी दौड़ी पीहर जाए | ||
+ | |||
वारि जाऊं चिरमी ने ............ | वारि जाऊं चिरमी ने ............ | ||
+ | |||
म्हारी पीहरियारी रे चुनडी सा | म्हारी पीहरियारी रे चुनडी सा | ||
+ | |||
म्हे तो ओडूं वार त्यौहार | म्हे तो ओडूं वार त्यौहार | ||
+ | |||
वारि जाऊं चिरमी ने........ | वारि जाऊं चिरमी ने........ | ||
+ | |||
ऊपर रे डाले म्हारा जेठजी सा | ऊपर रे डाले म्हारा जेठजी सा | ||
+ | |||
काईँ नीचले डाला भरतार .... | काईँ नीचले डाला भरतार .... | ||
+ | |||
वारि जाऊं चिरमी ने... | वारि जाऊं चिरमी ने... | ||
+ | |||
के वारि जाऊं चिरमी ने | के वारि जाऊं चिरमी ने | ||
+ | |||
के वारि जाऊं चिरमी ने | के वारि जाऊं चिरमी ने | ||
+ | |||
के वारि जाऊं चिरमी ने | के वारि जाऊं चिरमी ने |
00:35, 4 अगस्त 2011 का अवतरण
चिरमी रा, चिरमी रा,
चिरमी रा डाणा चार
वारि जाऊं चिरमी ने.......
चढ़ती ने दीखे मेड्तो
उतरती ने दीखे अजमेर
वारि जाऊं चिरमी ने.....
चढ़ती रो चमक्यो चुडलो सा
उतरती ने चमक्यो नोसर हार
वारि जाऊं चिरमी ने ..........
चिरमी बाबोसा री लाडली सा
चिरमी बाबोसा री लाडली सा
या तो दौड़ी दौड़ी पीहर जाए
वारि जाऊं चिरमी ने ............
म्हारी पीहरियारी रे चुनडी सा
म्हे तो ओडूं वार त्यौहार
वारि जाऊं चिरमी ने........
ऊपर रे डाले म्हारा जेठजी सा
काईँ नीचले डाला भरतार ....
वारि जाऊं चिरमी ने...
के वारि जाऊं चिरमी ने
के वारि जाऊं चिरमी ने
के वारि जाऊं चिरमी ने