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पगडंडी / अवनीश सिंह चौहान

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पगडंडी पर कौन चलेगा?
सीधेसीधी-सादे पौधों सादी शाखों कोमिलकर आरे काटेंछाँटेंबोझ उठाती शाखों कोऔर खुशबुओं वाले पौधे चुन-चुन करके छाँटें काटें
यों क्रूर हुए इन दाँतों की
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