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पेड़ और धर्म / सुरेश यादव
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04:56, 12 अगस्त 2011
हवा के झोंके में
झरते रहें
फलर
फल
उठाते-खाते गुजरते रहें राहगीर
ऐसा
एकर
कर
पेड़
बस्ती के हर आँगन में
लगाना ही होगा
लोग
भूल गए हैं – धर्म
पेड़ों को
बतानान
बताना
ही होगा।
00
डा० जगदीश व्योम
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