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+ | आज बसंती चोला तेरा, मैं भी सज लूं, लाल बनूँ :<br> | ||
+ | तू भगिनी बन क्रांति कराली, मैं भाई विकराल बनूँ |<br> | ||
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भाई एक लहर बन आया, बहन नदी की धारा है:<br> | भाई एक लहर बन आया, बहन नदी की धारा है:<br> | ||
संगम है, गंगा उमड़ी है, डूबा कुल किनारा है |<br> | संगम है, गंगा उमड़ी है, डूबा कुल किनारा है |<br> |
21:30, 12 अगस्त 2011 का अवतरण
एक काव्य मोती |
आज बसंती चोला तेरा, मैं भी सज लूं, लाल बनूँ : भाई एक लहर बन आया, बहन नदी की धारा है: |