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जन विजय जी,
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{{KKPahchaan
  अगीत के प्रमुख कवि हैं--
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|pahchaan=
. श्री रन्ग नाथ मिश्रा "सत्य"---सन्स्थापक,प्रवर्तक,व सम्पादक अगीतायन साप्ताहिक-राजाजिपुरम लख्ननऊ से।
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{{KKPahchaan Helper |user=अनिल जनविजय}}
. डा श्यम गुप्त -सुश्यानिदी ,के-३४८,आशियाना, लख्ननऊ-२२६०१२
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}}
३.श्री पार्थो सेन-राजाज़िपुरम लख्ननऊ
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४ श्री सोहन लाल सुबुद्द
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<div style="margin: 1px auto; padding: 7px; background-color: #F9F9F9; border: 1px solid #999; box-shadow: 0.1em 0.1em 0.5em rgba(0,0,0,0.75); -moz-box-shadow: 0.1em 0.1em 0.5em rgba(0,0,0,0.75); -webkit-box-shadow: 0.1em 0.1em 0.5em rgba(0,0,0,0.75); border-radius: 1em; -moz-border-radius: 1em; -webkit-border-radius: 1em; width: 130px; float:right">
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नमस्कार मित्रो!
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मैं '''अनिल जनविजय''' हूँ । 
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कविता लिखने-पढ़ने में मेरी रुचि है ।
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कविताओं का अनुवाद करना भी मुझे पसन्द है ।
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सादर
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'''अनिल जनविजय'''

11:23, 15 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

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नमस्कार मित्रो!
मैं अनिल जनविजय हूँ ।
कविता लिखने-पढ़ने में मेरी रुचि है ।
कविताओं का अनुवाद करना भी मुझे पसन्द है ।

सादर
अनिल जनविजय