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|रचनाकार=जाँ निसार अख़्तर
|संग्रह=जाँ निसार अख़्तर-एक जवान मौत / जाँ निसार अख़्तर
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<poem>
हम से भागा न करो दूर गज़ालों की तरह
हमने चाहा है तुम्हें चाहने वालों की तरह
ज़िन्दगी जिस को तेरा प्यार मिला वो जाने
हम तो नाकाम रहे चाहने वालों की तरह .
 
</Poem>
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