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"गौरी / अर्जुनदेव चारण" के अवतरणों में अंतर

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'''अनुवाद:-  कुन्दन माली'''

12:58, 1 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण


गौरी को
कभी घर नहीं मिलता मां
मिलता है मन्दिर
या समन्दर
इस सपने को
मत बसाओ
आंखों में।

अनुवाद:- कुन्दन माली