लेखक: [[{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=रघुवीर सहाय]][[Category:कविताएँ]][[Category:|संग्रह=सीढ़ियों पर धूप में / रघुवीर सहाय]]}}{{KKCatKavita}}<poem>आज फिर शुरू हुआ जीवन
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~आज मैंने एक छोटी-सी सरल-सी कविता पढ़ीआज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा
जी भर आज फिर शुरू हुआ जीवन<br><br>मैंने शीतल जल से स्नान किया
आज मैंने एक छोटी-सी सरल-सी कविता पढ़ी<br>बच्ची आई,किलक मेरे कन्धे चढ़ीआज मैंने सूरज को डूबते देर आदि से अन्त तक देखा<br><br>पूरा गान किया
जी भर आज मैंने शीतल जल से स्नान किया<br><br> आज एक छोटी-सी बच्ची आयी,किलक मेरे कन्धे चढ़ी<br>आज मैंने आदि से अन्त तक पूरा गान किया<br><br> आज फिर जीवन शुरू हुआ।<br>हुआ ।<br/poem>