भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गाँधीजी के बन्दर तीन / बालस्वरूप राही" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बालस्वरूप राही |संग्रह= }} {{KKCatGeet}} <poem> ग...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
{{KKCatGeet}}
+
{{KKCatBaalKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
गाँधीजी के बन्दर तीन,
 
गाँधीजी के बन्दर तीन,

23:02, 27 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल ।

बुरा दिखे तो दो मत ध्यान,
बुरी बात पर दो मत कान,
कभी न बोलो कड़वे बोल ।

याद रखोगे यदि यह बात ,
कभी नहीं खाओगे मात,
कभी न होगे डाँवाडोल ।

गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल ।