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अब समझौता होना है / तुफ़ैल चतुर्वेदी
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12:02, 28 फ़रवरी 2012
{{KKRachna
|रचनाकार= तुफ़ैल चतुर्वेदी
|संग्रह=सारे वरक़ तुम्हारे / तुफ़ैल चतुर्वेदी
}}
{{KKCatGhazal}}
अब समझौता होना है
लौटेगी फिर देर से घर
फिर
वावैला
होना
है
अगर न तेरे हाथ छुयेँ
Dr. ashok shukla
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