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"मन का तोता / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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विज्ञापन की भाषा बोले
 
विज्ञापन की भाषा बोले
 
'यह दिल माँगे मोर'
 
'यह दिल माँगे मोर'
देख-देख बौराए  
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बेहिसाब बौराए  
 
तोता  
 
तोता  
 
देता खीस निपोर
 
देता खीस निपोर

13:06, 19 मार्च 2012 का अवतरण

मन का तोता
करता रहता
नित्य नए संवाद

महल-मलीदा,
पदवी चाहे
लाखों-लाख पगार
काम न धेले भर का करता
सपने आँख हजार

इच्छाओं की सूची
मेरे
सिर पर देता लाद

अपने आम
बाग़ के मीठे
कुतर-कुतर कर फेंके
किन्तु पड़ोसी का
खट्‌टा भी
चंहके उसको लेके

समझाने पर
करता-रहता
अड़ा-खड़ा प्रतिवाद

विज्ञापन की भाषा बोले
'यह दिल माँगे मोर'
बेहिसाब बौराए
तोता
देता खीस निपोर

बात न माने
करने लगता
घर में रोज़ फ़साद