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ज़मीन की बटायी / प्रभात
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20:45, 7 अप्रैल 2012
बुरी है ज़मीन की बटाई तेरे गाँव में
ठसक रुपैये की किसी में
ऎंठ
ऐंठ
लट्ठ की
बड़ी पूछ बाबू तेरे गाँव में मुँहफट्ट की
बड़ी पूछ उनकी जो कि छोटे काश्तकार हैं
अनिल जनविजय
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