भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"काम-प्रेम / वीरेन डंगवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वीरेन डंगवाल |संग्रह=दुष्चक्र में सृष्टा / वीरेन डंगव...) |
|||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=दुष्चक्र में सृष्टा / वीरेन डंगवाल | |संग्रह=दुष्चक्र में सृष्टा / वीरेन डंगवाल | ||
}} | }} | ||
− | + | <poem> | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
काम हृदय में यह कैसा कोहराम मचाए है | काम हृदय में यह कैसा कोहराम मचाए है | ||
− | |||
बँसवट में जैसे चिड़ियों की जोशीली खटपट | बँसवट में जैसे चिड़ियों की जोशीली खटपट | ||
− | |||
खिला कहाँ से संध्या में गुलाब पीला | खिला कहाँ से संध्या में गुलाब पीला | ||
− | |||
आता हुआ शरद यह कैसे रंग दिखाए है | आता हुआ शरद यह कैसे रंग दिखाए है | ||
− | |||
प्रेम हृदय में यह कैसा कोहराम मचाए है । | प्रेम हृदय में यह कैसा कोहराम मचाए है । | ||
+ | </poem> |
17:10, 11 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
काम हृदय में यह कैसा कोहराम मचाए है
बँसवट में जैसे चिड़ियों की जोशीली खटपट
खिला कहाँ से संध्या में गुलाब पीला
आता हुआ शरद यह कैसे रंग दिखाए है
प्रेम हृदय में यह कैसा कोहराम मचाए है ।