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"रसायनशास्त्री / वीरेन डंगवाल" के अवतरणों में अंतर

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सुनते समय उनकी मुद्रा
 
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लगभग रसायनशास्त्रियों वाली थी
 
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अपनी लम्बी उंगलियों और अंगूठे में
 
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लगभग कसे हुए अपना चिकना परुष जबड़ा
 
लगभग कसे हुए अपना चिकना परुष जबड़ा
 
 
क्लैसिकल रसायनशास्त्रियों की तरह ।
 
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फिर कुछ शब्द उन्होंने कहे
 
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आँखों में पहले लगभग हास्य
 
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और फिर तत्काल गम्भीर दिलचस्पी झलकाते हुए
 
और फिर तत्काल गम्भीर दिलचस्पी झलकाते हुए
 
 
जो दरअसल दैन्य थी ।
 
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कहकर वे चुप हो गए ।
 
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(लिखने का श्रम तो कब का छूट चुका था)
 
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::थोड़ी शर्मिन्दगी थी तो
 
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उनके चुप होने में शायद ।
 
उनके चुप होने में शायद ।
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17:12, 11 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

सुनते समय उनकी मुद्रा
लगभग रसायनशास्त्रियों वाली थी
अपनी लम्बी उंगलियों और अंगूठे में
लगभग कसे हुए अपना चिकना परुष जबड़ा
क्लैसिकल रसायनशास्त्रियों की तरह ।
फिर कुछ शब्द उन्होंने कहे
आँखों में पहले लगभग हास्य
और फिर तत्काल गम्भीर दिलचस्पी झलकाते हुए
जो दरअसल दैन्य थी ।
कहकर वे चुप हो गए ।
(लिखने का श्रम तो कब का छूट चुका था)
थोड़ी शर्मिन्दगी थी तो
उनके चुप होने में शायद ।