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"पावस बहुरंगी / सुधा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

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धूलि के रंग
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छिप कर बैठी है
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फूलों के झुरमुट
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ताल पै फैले
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तैरती मीन
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घास चुप है
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फुदक के हिलाता
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हरित टिड्डा
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नन्हीं बीर-बहूटी
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‘शनील बूँद’
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बारिश संग गिरी
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आकाश-छत
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छेदों भरी छतरी
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टपक रही
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फाख़्ता टेरती घूँ-घूँ
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बोल रही है
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निर्जन दोपहरी
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सावन-धूप
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दोपहरिया-फूल
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चटख़ लाल
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पूरब की खिड़की
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उषा पहने
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गोटा लगी ओढ़नी
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घिरीं घटाएँ
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छत पर मोरनी
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टहल रही
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भादों जो आया
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जल-बालिका खेल
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ने जी डराया
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भर गए हैं ताल
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निखरा रूप
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पुरइन के पात
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शोख़ अनूप
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शैशव की क्रीड़ाएँ
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फिर  शुरू हैं
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तैरीं कागज़-कश्ती
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वर्षा विनोदीः
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कहीं पुए-पकौड़ी
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कहीं है भूख
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न छदाम न कौड़ी
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पावस बहुरंगी
  
 
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16:00, 21 मई 2012 का अवतरण

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पहली वर्षा
बूँदों की चित्रकारी
धूलि के रंग
छिप कर बैठी है
नीली चिड़िया
फूलों के झुरमुट
ताल पै फैले
घने जल-कुंतल
तैरती मीन
सखियाँ लिये साथ
घास चुप है
फुदक के हिलाता
हरित टिड्डा
नन्हीं बीर-बहूटी
‘शनील बूँद’
बारिश संग गिरी
आकाश-छत
छेदों भरी छतरी
टपक रही
फाख़्ता टेरती घूँ-घूँ
बोल रही है
निर्जन दोपहरी

सावन-धूप
दोपहरिया-फूल
चटख़ लाल
पूरब की खिड़की
उषा पहने
गोटा लगी ओढ़नी
घिरीं घटाएँ
छत पर मोरनी
टहल रही
भादों जो आया
जल-बालिका खेल
ने जी डराया
भर गए हैं ताल
निखरा रूप
पुरइन के पात
शोख़ अनूप
शैशव की क्रीड़ाएँ
फिर शुरू हैं
तैरीं कागज़-कश्ती

वर्षा विनोदीः
कहीं पुए-पकौड़ी
कहीं है भूख
न छदाम न कौड़ी
पावस बहुरंगी

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