"नए हाइकु / ऋतु पल्लवी" के अवतरणों में अंतर
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1- नभ में पंछी | 1- नभ में पंछी | ||
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उसका पढ़ो. | उसका पढ़ो. | ||
− | + | 6-बात सबसे | |
करते हैं ,मगर | करते हैं ,मगर | ||
− | + | मन की नहीं . | |
7-अकेली तो हूँ | 7-अकेली तो हूँ | ||
मगर भीड़ को भी | मगर भीड़ को भी | ||
ओढ़ लेती हूँ. | ओढ़ लेती हूँ. | ||
− | 8-विश्वास टूटा | + | 8-विश्वास टूटा |
− | मानवता का एक | + | मानवता का एक |
− | पाठ पा लिया . | + | पाठ पा लिया . |
− | + | 9-भोग्या - नारी | |
+ | विज्ञापन जग के | ||
+ | नशे से बचो . | ||
+ | 10- माँ ने भी जब | ||
छोटी बात बनाई | छोटी बात बनाई | ||
लगी पराई . | लगी पराई . | ||
− | + | 11-आकाश ओढ़ो | |
तारों को बिछा दो | तारों को बिछा दो | ||
स्वप्न सोएँगे . | स्वप्न सोएँगे . | ||
− | + | 12- पूजाघर तो | |
बनाओ, पर घर | बनाओ, पर घर | ||
तोड़ो न कभी . | तोड़ो न कभी . | ||
− | + | 13-शहर बसा | |
गाँव की कब्र पर | गाँव की कब्र पर | ||
सहर नहीं ! | सहर नहीं ! | ||
− | + | 14- अब इंसान | |
में बम बसता है | में बम बसता है | ||
ब्रह्म तो नहीं ! | ब्रह्म तो नहीं ! | ||
− | + | 15-घर गली औ | |
दुकान क्या ,शहर | दुकान क्या ,शहर | ||
सुनसान हुए . | सुनसान हुए . | ||
− | + | 16एक , दो , तीन | |
गलतियाँ जीवन | गलतियाँ जीवन | ||
की , कम नहीं ! | की , कम नहीं ! | ||
− | + | 17-खोया पल न | |
लौटे फिर ,जीवन | लौटे फिर ,जीवन | ||
लौट जाता है . | लौट जाता है . | ||
− | + | 18- कोरे पन्ने हैं | |
किताब के , जीवन | किताब के , जीवन | ||
लिखता नहीं . | लिखता नहीं . | ||
− | + | 19-आज कितनी | |
द्रौपदियाँ हैं , पर | द्रौपदियाँ हैं , पर | ||
कृष्ण कंस हैं . | कृष्ण कंस हैं . | ||
− | + | 20 गुरु- शाप से | |
आज अर्जुन बना | आज अर्जुन बना | ||
एकलव्य है . | एकलव्य है . | ||
− | + | 21- | |
रोको झेलम | रोको झेलम | ||
या चनाब को, धार | या चनाब को, धार | ||
आर-पार है . | आर-पार है . | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
22- नारी श्रद्धा है | 22- नारी श्रद्धा है | ||
आज इड़ा भी वही | आज इड़ा भी वही | ||
पंक्ति 88: | पंक्ति 88: | ||
26- हम साथ ही | 26- हम साथ ही | ||
चलते रहे, तो भी | चलते रहे, तो भी | ||
− | क्या रास्ते पटे ! | + | क्या रास्ते पटे ! |
27-समय -शिला | 27-समय -शिला | ||
सब कुछ लिखे ,तो | सब कुछ लिखे ,तो | ||
कठोर क्यों ? | कठोर क्यों ? | ||
− | 28-सूरजमुखी- | + | 28-सूरजमुखी- |
− | सा मन खिला पर | + | सा मन खिला पर |
− | मुरझाया भी . | + | मुरझाया भी . |
− | + | 29-सर्दी में जब | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
ये धूप अलसाई | ये धूप अलसाई | ||
तू याद आई . | तू याद आई . | ||
− | + | 30- मन अकेला | |
भीड़ का रेला , मेला | भीड़ का रेला , मेला | ||
किस काम का . | किस काम का . | ||
− | + | 31-बेटे की ऊँची | |
पढ़ाई , क्या कटाई ? | पढ़ाई , क्या कटाई ? | ||
सिर्फ बुआई . | सिर्फ बुआई . | ||
− | + | 32-हवा चली ले | |
झीनी नर्मी , हरती | झीनी नर्मी , हरती | ||
मन की गर्मी . | मन की गर्मी . | ||
− | + | 33-संवेदन की | |
खिली छटा निराली , | खिली छटा निराली , | ||
फिर भी खाली . | फिर भी खाली . | ||
− | + | 34- हाथ – हाथ में | |
+ | बात – बात में खिले | ||
+ | मैं और तुम . | ||
35-तुंग शैल भी | 35-तुंग शैल भी | ||
घन की नमी पर | घन की नमी पर |
08:09, 23 मई 2012 के समय का अवतरण
1- नभ में पंछी
सागर – तन मीन
कहाँ बसूँ मैं ?
2- कितना लूटा
धन संपदा यश
घर न मिला .
3-चंदन -साँझ
रच बस गयी है
मन खाली था.
4-स्याही से मत
लिखो ,रचनाओं को
मन उकेरो .
5-बच्चे को मत
पढ़ाओ तुम ,मन
उसका पढ़ो.
6-बात सबसे
करते हैं ,मगर
मन की नहीं .
7-अकेली तो हूँ
मगर भीड़ को भी
ओढ़ लेती हूँ.
8-विश्वास टूटा
मानवता का एक
पाठ पा लिया .
9-भोग्या - नारी
विज्ञापन जग के
नशे से बचो .
10- माँ ने भी जब
छोटी बात बनाई
लगी पराई .
11-आकाश ओढ़ो
तारों को बिछा दो
स्वप्न सोएँगे .
12- पूजाघर तो
बनाओ, पर घर
तोड़ो न कभी .
13-शहर बसा
गाँव की कब्र पर
सहर नहीं !
14- अब इंसान
में बम बसता है
ब्रह्म तो नहीं !
15-घर गली औ
दुकान क्या ,शहर
सुनसान हुए .
16एक , दो , तीन
गलतियाँ जीवन
की , कम नहीं !
17-खोया पल न
लौटे फिर ,जीवन
लौट जाता है .
18- कोरे पन्ने हैं
किताब के , जीवन
लिखता नहीं .
19-आज कितनी
द्रौपदियाँ हैं , पर
कृष्ण कंस हैं .
20 गुरु- शाप से
आज अर्जुन बना
एकलव्य है .
21-
रोको झेलम
या चनाब को, धार
आर-पार है .
22- नारी श्रद्धा है
आज इड़ा भी वही
सचेत रहो !
23-मेरे रंग की
आभा लाई ,बेटी क्यों
हुई पराई !
24- ओस- सी नर्म
निश्छल- सी दुनिया
नन्ही कलियाँ !
25-वाणी -सी शुभ्र
लक्ष्मी सी वरदायी
बिटिया आई .
26- हम साथ ही
चलते रहे, तो भी
क्या रास्ते पटे !
27-समय -शिला
सब कुछ लिखे ,तो
कठोर क्यों ?
28-सूरजमुखी-
सा मन खिला पर
मुरझाया भी .
29-सर्दी में जब
ये धूप अलसाई
तू याद आई .
30- मन अकेला
भीड़ का रेला , मेला
किस काम का .
31-बेटे की ऊँची
पढ़ाई , क्या कटाई ?
सिर्फ बुआई .
32-हवा चली ले
झीनी नर्मी , हरती
मन की गर्मी .
33-संवेदन की
खिली छटा निराली ,
फिर भी खाली .
34- हाथ – हाथ में
बात – बात में खिले
मैं और तुम .
35-तुंग शैल भी
घन की नमी पर
रो पड़ता है .
36- साथ तुम्हारा
प्यार है ,घर नहीं
न ही द्वार है .
37-सब माँगा जो
जीवन से ,मुझे ही
क्यों छोड़ दिया ?