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"लौटना / भगवत रावत" के अवतरणों में अंतर

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दिन भर की थकान के बाद
 
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दिन भर की उड़ान के बाद
 
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घोंसलों की तरफ़ लौटतीं चिड़ियाँ
घोंसलों की तरफ लौटतीं चिडियाँ
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सुहानी लगती हैं ।
 
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सुहानी लगती हैं।
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लेकिन जब
 
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धर्म की तरफ़ लौटते हैं लोग
 
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इतिहास की तरफ़ लौटते हैं लोग
 
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तो वे ही
 
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धर्म और इतिहास के
 
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हत्यारे बन जाते हैं ।
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ऐसे समय में
 
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सबसे ज़्यादा दुखी और परेशान
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होते हैं सिर्फ़
 
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घरों की तरफ़ लौटते हुए लोग
 
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घोंसलों की तरफ़ लौटती हुई
 
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चिडि़याँ।
 
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00:07, 1 जून 2012 के समय का अवतरण

दिन भर की थकान के बाद
घरों की तरफ़ लौटते हुए लोग
भले लगते हैं ।

दिन भर की उड़ान के बाद
घोंसलों की तरफ़ लौटतीं चिड़ियाँ
सुहानी लगती हैं ।

लेकिन जब
धर्म की तरफ़ लौटते हैं लोग
इतिहास की तरफ़ लौटते हैं लोग
तो वे ही
धर्म और इतिहास के
हत्यारे बन जाते हैं ।

ऐसे समय में
सबसे ज़्यादा दुखी और परेशान
होते हैं सिर्फ़
घरों की तरफ़ लौटते हुए लोग
घोंसलों की तरफ़ लौटती हुई
चिडि़याँ।