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"प्रथम किरण / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=बावरा अहेरी / अज्ञेय; सुनहरे शैवाल / अज्ञेय
 
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भोर की प्रथम किरण फीकी।
 
भोर की प्रथम किरण फीकी।

16:13, 6 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

भोर की प्रथम किरण फीकी।
अनजाने जागी हो याद किसी की-
अपनी मीठी नीकी।

धीरे-धीरे उदित
रवि का लाल-लाल गोला
चौंक कहीं पर
छिपा मुदित बनपाखी बोला
दिन है जय है यह बहुजन की।

प्रणति, लाल रवि, ओ जन-जीवन
लो यह मेरी
सकल भावना तन की, मन की-
वह बनपाखी जाने गरिमा
महिमा
मेरे छोटे चेतन छन की!

इलाहाबाद-दिल्ली (रेल में), 3 फरवरी, 1951