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"मुझको भी तरकीब सिखा / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर
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अकसर तुझको देखा है कि ताना बुनते | अकसर तुझको देखा है कि ताना बुनते | ||
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जब कोई तागा टूट गया या खत्म हुआ | जब कोई तागा टूट गया या खत्म हुआ | ||
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फिर से बांध के | फिर से बांध के | ||
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और सिरा कोई जोड़ के उसमे | और सिरा कोई जोड़ के उसमे | ||
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आगे बुनने लगते हो | आगे बुनने लगते हो | ||
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तेरे इस ताने में लेकिन | तेरे इस ताने में लेकिन | ||
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इक भी गांठ गिरह बुन्तर की | इक भी गांठ गिरह बुन्तर की | ||
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देख नहीं सकता कोई | देख नहीं सकता कोई | ||
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मैनें तो एक बार बुना था एक ही रिश्ता | मैनें तो एक बार बुना था एक ही रिश्ता | ||
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लेकिन उसकी सारी गिराहें | लेकिन उसकी सारी गिराहें | ||
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साफ नजर आती हैं मेरे यार जुलाहे | साफ नजर आती हैं मेरे यार जुलाहे | ||
+ | मुझको भी तरकीब सिखा दे यार जुलाहे |
11:42, 12 अप्रैल 2013 का अवतरण
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मुझको भी तरकीब सिखा दे यार जुलाहे
अकसर तुझको देखा है कि ताना बुनते
जब कोई तागा टूट गया या खत्म हुआ
फिर से बांध के
और सिरा कोई जोड़ के उसमे
आगे बुनने लगते हो
तेरे इस ताने में लेकिन
इक भी गांठ गिरह बुन्तर की
देख नहीं सकता कोई
मैनें तो एक बार बुना था एक ही रिश्ता
लेकिन उसकी सारी गिराहें
साफ नजर आती हैं मेरे यार जुलाहे
मुझको भी तरकीब सिखा दे यार जुलाहे