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नाचइ नदिया बीच हिलोर / कन्नौजी
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03:24, 15 अप्रैल 2013
लागै सोरहों बसंत को<br />
सिंगारु गोरिया।<br />
सूधे परैं न पाँव
<br />
हिया मां हरिनी भरै कुलाँचैं
<br />
बयस बावरी मुँहु बिदुराबै<br />
को गीता कौ बाँचै <br/>
चिड़िया चाहै पंख पसार<br />
उड़िबो दूरि गगन के पार<br />
डा० जगदीश व्योम
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