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निश्तर ख़ानक़ाही

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* [[ अभी तक जब हमें जीना ना आया / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[हर बार नया ले के जो फ़ित्ना नहीं आया / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[कभी तो मुल्तवी ज़िक्र-ए-जहाँ-गर्दां भी होना था / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[कशिश तो अब भी गज़ब की है नाज़नीनों में / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[ख़ुश-फ़हमियों को दर्द का रिश्ता अज़ीज़ था / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[सहरा का पता दे न समंदर का पता दे / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[सुरमई धूप में दिन सा नहीं होने पाता / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[तामीर हम ने की थी हमीं ने गिरा दिए / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]* [[ये दश्त को दमन कोह ओ कमर किस के लिए है / 'नश्तर' ख़ानक़ाही]]
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