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"जीवन / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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08:34, 26 फ़रवरी 2008 के समय का अवतरण
बेचैन होते हैं
फड़फड़ाते हैं
पेड़ों से टूट कर गिर जाते हैं
पुराने पत्ते
नयों के लिए
यह दुनिया छोड़ जाते हैं