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+ | * [[मिरे खुश्क़ खेतों को बरसात दे / शीन काफ़ निज़ाम]] | ||
+ | * [[वही न मिलने का ग़म और वही गिला होगा / शीन काफ़ निज़ाम]] | ||
+ | * [[वो गुनगुनाते रास्ते ख़्वाबों के क्या हुए / शीन काफ़ निज़ाम]] |
18:11, 6 जुलाई 2013 का अवतरण
शीन काफ़ निज़ाम
जन्म | 26 नवंबर 1947 |
---|---|
उपनाम | "निज़ाम" |
जन्म स्थान | जोधपुर |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
नाद, लम्हों की सलीब, दश्त में दरिया, साया कोई लम्बा न था, सायों के साए में | |
विविध | |
साहित्य अकादमी पुरस्कार (2010),सआदत हसन मंटो की कहानियों के विशेषज्ञ। | |
जीवन परिचय | |
शीन काफ़ निज़ाम / परिचय |
संग्रह
- सायों के साए में / शीन काफ़ निज़ाम ( ग़ज़लों और नज़्मों का )
- रास्ता ये कहीं नही जाता / शीन काफ़ निज़ाम (ग़ज़ल-संग्रह)
ग़ज़ल
- वो कहाँ चश्मे-तर में रहते हैं / शीन काफ़ निज़ाम
- तुम्हें देखे ज़माने हो गए हैं / शीन काफ़ निज़ाम
- जाड़े की दोपहर / शीन काफ़ निज़ाम
- आँखों में रात ख्वाब का खंज़र उतर गया / शीन काफ़ निज़ाम
- छत लिखते हैं दर दरवाज़े लिखते हैं / शीन काफ़ निज़ाम
- फिर आश्ना अजनबी सा कोई / शीन काफ़ निज़ाम
- मैं औराक़े-हैरानी में / शीन काफ़ निज़ाम
- मौजे-हवा तो अबके अजब काम कर गई / शीन काफ़ निज़ाम
- उन में से बच रहे जो हम हैं मियाँ / शीन काफ़ निज़ाम
- उम्र लंबी तो है मगर बाबा / शीन काफ़ निज़ाम
- और कुछ देर यूँ ही शोर मचाए रखिए / शीन काफ़ निज़ाम
- ख़ाक भी हो गई ख़ला अब के / शीन काफ़ निज़ाम
- छीन कर वो लज़्ज़्त-ए-सोतो सदा ले जाएगा / शीन काफ़ निज़ाम
- जंगल के झरने की धार / शीन काफ़ निज़ाम
- जंगल से जलते बुझते नगर मेरे नाम क्यूँ / शीन काफ़ निज़ाम
- दम घुट रहा है रात दिन की सर्द जंग से / शीन काफ़ निज़ाम
- दरवाज़ा कोई घर से निकालने के लिए दे / शीन काफ़ निज़ाम
- पहले ज़मीन बाँटी थी फिर घर भी बँट गया / शीन काफ़ निज़ाम
- फिर बोले सन्नाटे सूने / शीन काफ़ निज़ाम
- बूँद बन-बन के बिखरता जाए / शीन काफ़ निज़ाम
- मिरे खुश्क़ खेतों को बरसात दे / शीन काफ़ निज़ाम
- वही न मिलने का ग़म और वही गिला होगा / शीन काफ़ निज़ाम
- वो गुनगुनाते रास्ते ख़्वाबों के क्या हुए / शीन काफ़ निज़ाम