}}
{{KKShayar}}
<sort order{{KKCatBihar}}===ग़ज़ल=="asc" class="ul">
* [[हर घर में कोई तहख़ाना होता है / आलम खुर्शीद]]
* [[तोड़ के इसको बरसों रोना होता है / आलम खुर्शीद]]
* [[क्यों आँखें बंद कर के रस्ते में चल रहा हूँ / आलम खुर्शीद]]
* [[याद आता हूँ तुम्हें सूरज निकल जाने के बाद / आलम खुर्शीद]]
* [[क्या अँधेरों से वही हाथ मिलाए हुए हैं / आलम खुर्शीद]]<* [[तोड़ के इसको वर्षो रोना होता है /sort>आलम खुर्शीद]]