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जब सब बोलते थे
वह चुप रहता था,
जब सब चलते थे
वह पीछे हो जाता था,
जब सब खाने पर टूटते थे
वह अलग बैठा टूँगता रहता था,
जब सब निढाल हो सो जाते थे
वह शून्य में टकटकी लगाए रहता था
लेकिन जब गोली चली
तब सबसे पहले
वही मारा गया।गया
इब्नबतूता पहन के जूता
थोड़ी हवा नाक में घुस गई
घुस गई थोड़ी कान में
 
कभी नाक को, कभी कान को
इसी बीच में निकल पड़ा
उनके पैरों का जूता
 
उड़ते उड़ते जूता उनका
जा पहुँचा जापान में
इब्नबतूता खड़े रह गये
मोची की दुकान में।में</poem>