भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बादडियो गगरिया भर दे / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास
 
|संग्रह=कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास
 
}}
 
}}
<poem>
+
{{KKCatGeet}}
 
{{KKVID|v=ZCrsHhdAx5A}}
 
{{KKVID|v=ZCrsHhdAx5A}}
[[Category:गीत]]
+
<poem>
 
बादड़ियो गगरिया भर दे
 
बादड़ियो गगरिया भर दे
 
बादड़ियो गगरिया भर दे
 
बादड़ियो गगरिया भर दे
पंक्ति 23: पंक्ति 23:
 
सबकी अरदास पता है  
 
सबकी अरदास पता है  
 
रब को सब खास पता है
 
रब को सब खास पता है
जो पानी मे घुल जाए
+
जो पानी में घुल जाए
 
बस उसको प्यास पता है
 
बस उसको प्यास पता है
 
बूँदों की लड़ी बिखरा दे
 
बूँदों की लड़ी बिखरा दे

10:21, 13 जुलाई 2013 का अवतरण

यदि इस वीडियो के साथ कोई समस्या है तो
कृपया kavitakosh AT gmail.com पर सूचना दें

बादड़ियो गगरिया भर दे
बादड़ियो गगरिया भर दे
प्यासे तन-मन-जीवन को
इस बार तो तू तर कर दे
बादड़ियो गगरिया भर दे

अंबर से अमृत बरसे
तू बैठ महल मे तरसे
प्यासा ही मर जाएगा
बाहर तो आजा घर से
इस बार समन्दर अपना
बूँदों के हवाले कर दे
बादड़ियो गगरिया भर दे

सबकी अरदास पता है
रब को सब खास पता है
जो पानी में घुल जाए
बस उसको प्यास पता है
बूँदों की लड़ी बिखरा दे
आँगन मे उजाले कर दे
बादड़ियो गगरिया भर दे
बादड़ियो गगरिया भर दे

प्यासे तन-मन-जीवन को
इस बार तू तर कर दे
बादड़ियो गगरिया भर दे