भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"क़तअ / मख़दूम मोहिउद्दीन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मख़दूम मोहिउद्दीन |संग्रह=बिसात-ए-रक़्स / मख़दू…) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
{{KKCatKataa}} | {{KKCatKataa}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | |||
ये रक़्स, रक़्से शरर ही सही मगर ऐ दोस्त | ये रक़्स, रक़्से शरर ही सही मगर ऐ दोस्त | ||
दिलों के साज़ पे रक़्से शरर ग़नीमत है | दिलों के साज़ पे रक़्से शरर ग़नीमत है |
14:34, 15 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
ये रक़्स, रक़्से शरर ही सही मगर ऐ दोस्त
दिलों के साज़ पे रक़्से शरर ग़नीमत है
क़रीब आओ ज़रा और भी क़रीब आओ
के रुह का सफ़र-ए-मुख़्तसर ग़नीमत है ।