Changes

बारिश / परवीन शाकिर

1 byte removed, 03:59, 22 जुलाई 2013
|संग्रह=
}}
[[Category:कविताएँ]]{{KKAnthologyVarsha}}{{KKCatKavita}}<poem>बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की ! 
उसे बुला जिसकी चाहत में
 
तेरा तन-मन भीगा है
 प्यार की बारिश से बढ़कर क्या बारिश होगी ! 
और जब इस बारिश के बाद
 
हिज्र की पहली धूप खिलेगी
 तुझ पर रंग के इस्म खुलेंगे ।खुलेंगे।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,148
edits