Changes

रमजनिया का दुखड़ा / भोजपुरी

2 bytes added, 09:11, 21 सितम्बर 2013
|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKCatBhojpuriRachna}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=भोजपुरी
}}
<poem>रोई-रोई कहतिया बुढ़िया रमजनिया,<br>का कहीं ए बाबा आपन दुख के कहनियाँ।<br>जेठवा बेटउआ के कइनी सगाई,<br>अइसन बिआ मिलल दुलहिनिया भेटाइल,<br>खटिया पर पानी ध के माँगे ले भोजनिया। का कहीं...<br>कबो उहो घरवा में झाड़ू ना लगावे,<br>दिनभर भतरा के मुँहवे निहारे,<br>भतरे के किरिया खाले मोर दुलहिनिया। का कहीं...<br><br/poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,132
edits