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"रिश्ते / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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लेखक: [[सर्वेश्वरदयाल सक्सेना]]
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खुद कपड़े पहने
 
खुद कपड़े पहने
 
 
दूसरे को कपड़े पहने देखना
 
दूसरे को कपड़े पहने देखना
 
 
खुद कपड़े पहने
 
खुद कपड़े पहने
 
 
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
 
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
 
 
खुद कपड़े न पहने
 
खुद कपड़े न पहने
 
 
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
 
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
 
 
तीन अलग- अलग रिश्ते बनाना है
 
तीन अलग- अलग रिश्ते बनाना है
 
  
 
इनमें से
 
इनमें से
 
 
पहले से तुम्हें मन बहलाना है
 
पहले से तुम्हें मन बहलाना है
 
 
दूसरे को खोजने जाना है
 
दूसरे को खोजने जाना है
 
 
तीसरे के साथ मिलकर  
 
तीसरे के साथ मिलकर  
 
 
क्रान्ति और सृजन का परचम उठाना है।
 
क्रान्ति और सृजन का परचम उठाना है।
 
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</poem>
-- यह कविता [[deepak]] द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।<br><br>
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10:15, 24 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

खुद कपड़े पहने
दूसरे को कपड़े पहने देखना
खुद कपड़े पहने
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
खुद कपड़े न पहने
दूसरे को कपड़े न पहने देखना
तीन अलग- अलग रिश्ते बनाना है

इनमें से
पहले से तुम्हें मन बहलाना है
दूसरे को खोजने जाना है
तीसरे के साथ मिलकर
क्रान्ति और सृजन का परचम उठाना है।