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− | + | जनता रही पुकारः | |
− | + | सलामत लानेवाला और हुआ ! | |
− | + | सुन ले री सरकार! | |
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09:58, 1 अक्टूबर 2013 का अवतरण
मज़दूर का जन्म
रचनाकार: केदारनाथ अग्रवाल
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
हाथी सा बलवान,
जहाजी हाथों वाला और हुआ !
सूरज-सा इंसान,
तरेरी आँखोंवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
माता रही विचारः
अँधेरा हरनेवाला और हुआ !
दादा रहे निहारः
सबेरा करनेवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
जनता रही पुकारः
सलामत लानेवाला और हुआ !
सुन ले री सरकार!
कयामत ढानेवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !