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|रचनाकार=भंवर भादाणी |संग्रह=थार बोलै / भंवर भादाणी
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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
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{{KKCatRajasthaniRachna}}<Poempoem>
रैयो है
थांरो एक इतियास -
कैरी मजाल क‘
धोखो केवै ...!
कदै ई थेतोड़ण विश्वामितर रौबरतधारये रूपमेनका ।म्हे माना माननी पड़ैथांरी -अरथांरे जिसां रीमहिमा।
</Poem>