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|संग्रह=मायड़ रो हेलो / कन्हैया लाल सेठिया
}}
{{KKCatMoolRajasthaniKKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita}}<poem>कोनी कोरो नांव
रेत रो हळदीघाटी,
अठै उग्यो इतिहास