भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"(तीन) देश और दरगाह / अमृता भारती" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमृता भारती |संग्रह=आदमी के अरण्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:21, 19 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
जब वह
मुझे लेकर चला --
मैं देश थी
जब उसने मुझे
ज़मीन पर उतार दिया --
मैं दरग़ाह बन गई ।