भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रयोगरत / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKGlobal}}
 +
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
 +
|संग्रह=
 +
}}
  
=====================================================
+
आदमी में-
महेंद्रभटनागर की प्रतिनिधि कविताएँ
+
 
=====================================================
+
चाह जीवन की
  
महेंद्रभटनागर
+
सनातन और सर्वाधिक प्रबल है;
  
 
   
 
   
  
द्वि-भाषिक कवि — हिन्दी और अंग्रेज़ी।
+
जबकि
  
सन्१९४१ के लगभग अंत से काव्य-रचना आरम्भ। तब कवि (पन्द्रह वर्षीय) 'विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर' में इंटरमीडिएट (प्रथम वर्ष) का छात्र था। सम्भवतः प्रथम कविता 'सुख-दुख' है; जो वार्षिक पत्रिका 'विक्टोरिया कॉलेज मेगज़ीन' के किसी अंक में छपी थी। वस्तुतः प्रथम प्रकाशित कविता 'हुंकार' है; जो 'विशाल भारत' (कलकत्ता) के मार्च १९४४ के अंक में प्रकाशित हुई।
+
हर जीवंत की
  
लगभग छह वर्ष की काव्य-रचना का परिप्रेक्ष्य स्वतंत्रता-पूर्व भारत; शेष स्वातंत्र्योत्तर।
+
अंतिम सच्चाई
  
हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं से सम्पृक्त — राष्ट्रीय काव्य-धारा, उत्तर छायावादी गीति-काव्य, प्रगतिवादी कविता।
+
मृत्यु है !
  
समाजार्थिक-राष्ट्रीय-राजनीतिक चेतना-सम्पन्न रचनाकार।
+
हाँ, अंत निश्चित है,
सन्१९४६ से प्रगतिवादी काव्यान्दोलन से सक्रिय रूप से सम्बद्ध। 'हंस' (बनारस / इलाहाबाद) में कविताओं का प्रकाशन। तदुपरान्त अन्य जनवादी-वाम पत्रिकाओं में भी। प्रगतिशील हिन्दी कविता के द्वितीय उत्थान के चर्चित हस्ताक्षर।
+
  
सन्१९४९ से काव्य-कृतियों का क्रमशः प्रकाशन।
+
अटल है
  
प्रगतिशील मानवतावादी कवि के रूप में प्रतिष्ठित। समाजार्थिक यथार्थ के अतिरिक्त अन्य प्रमुख काव्य-विषय — प्रेम, प्रकृति, जीवन-दर्शन। दर्द की गहन अनुभूतियों के समान्तर जीवन और जगत के प्रति आस्थावान कवि। अदम्य जिजीविषा एवं आशा-विश्वास के अद्भुत-अकम्प स्वरों के सर्जक।
+
  
काव्य-शिल्प के प्रति विशेष रूप से जागरूक।
+
लेकिन सत्य है यह भी -  
छंदबद्ध और मुक्त-छंद दोनों में काव्य-सॄष्टि। छंद-मुक्त गद्यात्मक कविता अत्यल्प। मुक्त-छंद की रचनाएँ भी मात्रिक छंदों से अनुशासित।
+
काव्य-भाषा में तत्सम शब्दों के अतिरिक्त तद्भव व देशज शब्दों एवं अरबी-फ़ारसी (उर्दू), अंग्रेज़ी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रचुर प्रयोग।
+
सर्वत्र प्रांजल अभिव्यक्ति। लक्षणा-व्यंजना भी दुरूह नहीं। सहज काव्य के पुरस्कर्ता। सीमित प्रसंग-गर्भत्व।
+
विचारों-भावों को प्रधानता। कविता की अन्तर्वस्तु के प्रति सजग।
+
  
२६ जून १९२६ को प्रातः ६ बजे झाँसी (उ. प्र.) में, ननसार में, जन्म।
+
अमरता की : अजरता की
प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी, मुरार (ग्वालियर), सबलगढ़ (मुरैना) में। शासकीय विद्यालय, मुरार (ग्वालियर) से मैट्रिक (सन्१९४१), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर (सत्र ४१-४२) और माधव महाविद्यालय, उज्जैन (सत्र्४२-४३) से इंटरमीडिएट (सन्१९४३), विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर से बी. ए. (सन्१९४५), नागपुर विश्वविद्यालय से सन्१९४८ में एम. ए. (हिन्दी) और सन्१९५७ में 'समस्यामूलक उपन्यासकार प्रेमचंद' विषय पर पी-एच. डी.
+
जुलाई १९४५ से अध्यापन-कार्य — उज्जैन, देवास, धार, दतिया, इंदौर, ग्वालियर, महू, मंदसौर में।
+
'कमलाराजा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ग्वालियर (जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर) से १ जुलाई १९८४ को प्रोफ़ेसर-अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त।
+
कार्यक्षेत्र : चम्बल-अंचल, मालवा, बुंदेलखंड।
+
  
सम्प्रति शोध-निर्देशक — हिन्दी भाषा एवं साहित्य।
+
लहकती वासना का वेग
  
अधिकांश साहित्य 'महेंद्रभटनागर-समग्र' के छह-खंडों में एवं काव्य-सृष्टि 'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा' के तीन खंडों में प्रकाशित।
+
होगा कम नहीं,
  
सम्पर्क :
+
अद्भुत पराक्रम आदमी का
डा. महेंद्रभटनागर
+
सर्जना-भवन, ११० बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर — ४७४ ००२ [म. प्र.]
+
फ़ोन : ०७५१-४०९२९०८  /  मो. ९८ ९३४ ०९७९३
+
E-Mail : drmahendra02@gmail.com
+
drmahendrabh@rediffmail.com
+
  
 +
चाहता कलरव,
  
*********
+
रुदन मातम नहीं !
  
'महेंद्रभटनागर की कविता-गंगा'
+
हर बार
  
खंड : १
+
ध्रुव मृति की चुनौती से
  
१ तारों के गीत
+
निरंतर जूझना स्वीकार !
२ विहान
+
३ अन्तराल
+
४ अभियान
+
५ बदलता युग
+
६ टूटती शृंखलाएँ
+
  
खंड : २
+
मृत्युंजय
  
७ नयी चेतना
+
बनेगा वह; बनेगा वह !
८ मधुरिमा
+
९ जिजीविषा
+
१० संतरण
+
११ संवर्त
+
  
खंड : ३
 
  
१२ संकल्प
+
========================
१३ जूझते हुए
+
महेंद्रभटनागर की प्रतिनिधि कविताएँ
१४ जीने के लिए
+
========================
१५ आहत युग
+
१६ अनुभूत-क्षण
+
१७ मृत्यु-बोध : जीवन-बोध
+
१८ राग-संवेदन
+
 
+
प्रतिनिधि संकलन
+
 
+
१९ गीति-संगीति [प्रतिनिधि गेय गीत]
+
२० महेंद्रभटनागर की कविता-यात्रा [प्रतिनिधि कविताएँ]
+
 
+
मूल्यांकन  /  शोध
+
 
+
[१]            महेंद्रभटनागर की काव्य-संवेदना :
+
                अन्तःअनुशासनीय आकलन
+
                  डा. वीरेंद्र सिंह (जयपुर)
+
 
+
[२] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-कर्म
+
डा. किरणशंकर प्रसाद (दरभंगा)
+
 
+
[३] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-साधना
+
ममता मिश्रा (स्व.)
+
 
+
[४] महेंद्रभटनागर की कविता : परख और पहचान
+
सं. डा. पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु' (अमृतसर)
+
 
+
[५] डा. महेंद्रभटनागर की काव्य-सृष्टि
+
सं. डा. रामसजन पाण्डेय (रोहतक)
+
 
+
[६] डा. महेंद्रभटनागर का कवि व्यक्तित्व
+
सं. डा. रवि रंजन (हैदराबाद)
+
 
+
[७] सामाजिक चेतना के शिल्पी : कवि महेंद्रभटनागर
+
सं. डा. हरिचरण शर्मा (जयपुर)
+
 
+
[८] कवि महेंद्रभटनागर का रचना-संसार
+
सं. डा. विनयमोहन शर्मा (स्व.)
+
 
+
[९] कवि महेंद्रभटनागर : सृजन और मूल्यांकन
+
डा. दुर्गाप्रसाद झाला (शाजापुर)
+
 
+
[१०] महेंद्रभटनागर की सर्जनशीलता (शोध / नागपुर वि.)
+
डा. विनीता मानेकर (तिरोड़ा-भंडारा / महाराष्ट्र)
+
 
+
[११] प्रगतिवादी कवि महेंद्रभटनागर :
+
                अनुभूति और अभिव्यक्ति /
+
(शोध / जीवाजी वि., ग्वालियर)
+
डा. माधुरी शुक्ला (स्व.)
+
 
+
[१२] महेंद्रभटनागर के काव्य का
+
                  वैचारिक एवं संवेदनात्मक धरातल
+
(शोध / सम्बलपुर वि., उड़ीसा)
+
डा. रजत कुमार षड़ंगी (कोरापुट-उडी़सा)
+
 
+
[१३] डा. महेंद्रभटनागर : व्यक्तित्व और कृतित्व
+
                  (शोध / कर्नाटक वि.)
+
डा. मंगलोर अब्दुलरज़ाक बाबुसाब (गदग-कर्नाटक)
+
 
+
[१४] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य का
+
                  नव-स्वछंदतावादी मूल्यांकन
+
(शोध / दयालबाग डीम्ड वि., आगरा)
+
डा. कविता शर्मा (आगरा)
+
 
+
[१५] डा. महेंद्रभटनागर के काव्य में सांस्कृतिक चेतना
+
(शोध / कानपुर वि.)
+
डा. अलका रानी (कन्नौज)
+
 
+
[१६] महेंद्रभटनागर के काव्य में युग-बोध
+
(शोध / ललितनारायण वि., दरभंगा)
+
डा. मीना गामी (दरभंगा)
+
 
+
********
+
 
+
CRITICAL  STUDY  OF  MAHENDRA  BHATNAGAR'S POETRY
+
 
+
[1]The Poetry  of Mahendra Bhatnagar :
+
Realistic & Visionary Aspects
+
Ed. Dr. O.P. Budholia
+
 
+
[2]Living Through Challenges :
+
A Study of Dr.Mahendra Bhatnagar's Poetry
+
By Dr. B.C. Dwivedy.
+
 
+
[3] Poet Dr. Mahendra Bhatnagar : 
+
His Mind And Art / (In Eng. & French)
+
Ed. Dr. S.C. Dwivedi & Dr. Shubha Dwivedi
+
 
+
Works :
+
Forty Poems of  Mahendra Bhatnagar
+
After The Forty Poems
+
Exuberance and other poems
+
Dr. Mahendra Bhatnagar's Poetry
+
Death-Perception : Life-Perception 
+
Poems : For A Better World
+
Passion and Compassion 
+
Lyric-Lute
+
A Handful  of  Light 
+
Dawn to Dusk
+
 
+
Translations :
+
In French :
+
A Modern Indian Poet : Dr. Mahendra
+
Bhatnagar : UN POÈTE  INDIEN  ET
+
MODERNE / Tr. Mrs. Purnima Ray
+
 
+
In Tamil : Kaalan Maarum,
+
Mahendra Bhatnagarin Kavithaigal.
+
In Telugu : Deepanni Veliginchu.
+
In Kannad & In Bangla : 
+
Mrityu-Bodh : Jeewan-Bodh.
+
In Marathi : Samkalp Aaani Anaya Kavita
+
In Oriya : Kala-Sadhna.
+
In Malyalam,  Gujrati, Manipuri, Urdu.
+
In Czech, Japanese, Nepali, 
+
 
+
******
+
 
+
Links :
+
HINDI
+
www.blogbud.com/author 5652
+
 
+
ENGLISH-FRENCH
+
www.poetrypoem.com/mpb1
+
 
+
ENGLISH
+
(1) www.poetrypoem.com/mpb2
+
[Selected Poems 1,2,3]
+
(2) www.poetrypoem.com/mpb4
+
[‘Exuberance and other poems’ /
+
‘Poems : For A Better World /
+
Passion and Compassion]
+
(3) www.poetrypoem.com/mpb3
+
[‘Death-Perception : Life-Perception’ /
+
‘A Handful Of Light’]
+
(4) www.poetrypoem.com/mpb
+
[‘Lyric-Lute’]
+
 
+
(5)www.anindianenglishpoet.blogspot.com
+
[‘…A Study Of Dr. Mahendra Bhatnagar’s Poetry’]
+
(6)www.mahendrabhatnagar.blogspot.com
+
[ Critics & Mahendra Bhatnagar’s Poetry]
+
 
+
        
+
 
+
प्रस्तुति : डा. शालीनकुमार सिंह, बदायूँ [उ.प्र.]
+

02:22, 14 जुलाई 2008 के समय का अवतरण

आदमी में-

चाह जीवन की

सनातन और सर्वाधिक प्रबल है;


जबकि

हर जीवंत की

अंतिम सच्चाई

मृत्यु है !

हाँ, अंत निश्चित है,

अटल है


लेकिन सत्य है यह भी -

अमरता की : अजरता की

लहकती वासना का वेग

होगा कम नहीं,

अद्भुत पराक्रम आदमी का

चाहता कलरव,

रुदन मातम नहीं !

हर बार

ध्रुव मृति की चुनौती से

निरंतर जूझना स्वीकार !

मृत्युंजय

बनेगा वह; बनेगा वह !


============

महेंद्रभटनागर की प्रतिनिधि कविताएँ

============