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"घणी छोटी हूं.... / कृष्णा सिन्हा" के अवतरणों में अंतर
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हवा ई जद ना चालै उण समै, | हवा ई जद ना चालै उण समै, | ||
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बण थांकां पगां रा निसाण | बण थांकां पगां रा निसाण | ||
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घणी छोटी हूं....।</poem> | घणी छोटी हूं....।</poem> |
10:20, 12 फ़रवरी 2014 का अवतरण
घणी छोटी हूं, माटी हूं म्हैं
जे राखोला थे पग म्हा पर
जद ई चरण धूळ ही थांकी हूं म्हैं
घणी छोटी हूं....।
जे बध जावोला थे गेला में आगै
थांकी दिशा में ही उडूंला म्हैं
बण’र धूळ रो गुबार
सगळां नैं थांको गेलो ही दिखाऊंला म्हैं
घणी छोटी हूं....।
हवा ई जद ना चालै उण समै,
तो माटी में अस्यान धंस जाऊंला म्हैं
बण थांकां पगां रा निसाण
सगळां नैं थांको गेलो ही दिखाऊंला म्हैं
घणी छोटी हूं....।