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"घणी छोटी हूं.... / कृष्णा सिन्हा" के अवतरणों में अंतर

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{{KKCatKavita‎}}<poem>घणी छोटी हूं, माटी हूं म्हैं
 
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जे राखोला थे पग म्हा पर
 
जे राखोला थे पग म्हा पर
जद ई चरण धूळ ही थांकी हूं म्हंै
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जद ई चरण धूळ ही थांकी हूं म्हैं
 
घणी छोटी हूं....।
 
घणी छोटी हूं....।
 
   
 
   
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हवा ई जद ना चालै उण समै,
 
हवा ई जद ना चालै उण समै,
तो माटी में अस्यान धंस जाऊंला म्हंै
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तो माटी में अस्यान धंस जाऊंला म्हैं
 
बण थांकां पगां रा निसाण
 
बण थांकां पगां रा निसाण
 
सगळां नैं थांको गेलो ही दिखाऊंला म्हैं
 
सगळां नैं थांको गेलो ही दिखाऊंला म्हैं
 
घणी छोटी हूं....।</poem>
 
घणी छोटी हूं....।</poem>

10:20, 12 फ़रवरी 2014 का अवतरण

घणी छोटी हूं, माटी हूं म्हैं
जे राखोला थे पग म्हा पर
जद ई चरण धूळ ही थांकी हूं म्हैं
घणी छोटी हूं....।
 
जे बध जावोला थे गेला में आगै
थांकी दिशा में ही उडूंला म्हैं
बण’र धूळ रो गुबार
सगळां नैं थांको गेलो ही दिखाऊंला म्हैं
घणी छोटी हूं....।
 
हवा ई जद ना चालै उण समै,
तो माटी में अस्यान धंस जाऊंला म्हैं
बण थांकां पगां रा निसाण
सगळां नैं थांको गेलो ही दिखाऊंला म्हैं
घणी छोटी हूं....।