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"आतंकवाद / रफ़ीक शादानी" के अवतरणों में अंतर
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यहकी ख़ातिर करो ज़िहाद | यहकी ख़ातिर करो ज़िहाद | ||
मिटे विश्व से आतंकवाद. | मिटे विश्व से आतंकवाद. | ||
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तोसे तो अच्छे ज़ल्लाद. | तोसे तो अच्छे ज़ल्लाद. | ||
बड़े बहादुर बनत हौ बेटा | बड़े बहादुर बनत हौ बेटा | ||
आए के देखो फैज़ाबाद. | आए के देखो फैज़ाबाद. | ||
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21:24, 23 मार्च 2014 के समय का अवतरण
बुरे काम का बुरा नतीजा
भीतर से मन बोला.
पाए गए जब नोट का गड्डा
तन डोला मन डोला.
रामलला पर फेकै आए
कुछ लोगै हथगोला.
उनइ के हथवन में
दग्गा हो गए उड़नखटोला.
यहकी ख़ातिर करो ज़िहाद
मिटे विश्व से आतंकवाद.
पाक के नालायक औलाद
तोसे तो अच्छे ज़ल्लाद.
बड़े बहादुर बनत हौ बेटा
आए के देखो फैज़ाबाद.